पवन ऊर्जा परिसर के लिए नया डिजाइन और वास्तु समाधान
नए तकनीकी समाधानों के प्रति जनहित की रुचि को ध्यान में रखते हुए, W.E.T.E.R परियोजना का बाजार की मांग के अनुसार विकास तथा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके मद्देनजर, नवंबर 2022 में, परियोजना टीम के विशेषज्ञों ने पवन ऊर्जा परिसर के लिए नए डिजाइन और वास्तुशिल्प समाधान तैयार किए हैं, जो कई प्रस्तावित ग्राफिक छवियों के माध्यम से दर्शाये गए हैं। फाइलों का लिंक: drive.google.com
प्रस्तावित परियोजना डिजाइनों का उद्देश्य है, विद्युत उत्पादन करने वाली इमारतों की डिजाइन और विविध वास्तुशिल्प समाधानों का प्रदर्शन करना। इसके अंतर्गत न केवल आधुनिक, बल्कि कुछ ऐतिहासिक इमारतों की वास्तुकला के इस्तेमाल की भी संभावना है। इसके विभिन्न रचनात्मक स्वरूप पूँजी निर्माण के उद्देश्य से पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका, मध्य पूर्व और इंडोचीन में पवन ऊर्जा परिसर के निर्माण को सुलभ बनाते हैं।
निर्माण और वास्तुशिल्प डिजाइन् में उदार शैली का इस्तेमाल किया गया है, जो आधुनिक और नवशास्त्रवाद का संश्लेषण-आर्ट-डेको वास्तुकला शैली पर आधारित है। यह शैली क्यूबिज़्म, रचनावाद और भविष्यवाद जैसे कलात्मक आंदोलनों से काफी प्रेरित रही थी, जो प्राच्य, अफ्रीकी और अन्य विदेशी रूपांकनों से जुड़ी थी। शैली की विशेषता है : सख्त नियमितता, बोल्ड ज्यामितीय रेखाएं, क्षेत्रीय ज्यामितीय पैटर्न, हाफ़टोन डिज़ाइन और चमकीले रंगों की अनुपस्थिति। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड, फ्रांस और कुछ अन्य आर्ट-डेको देशों में, यह शैली धीरे-धीरे कार्यात्मकता की ओर विकसित हुई, जो पवन ऊर्जा परिसर के निर्माण और इसके स्थापत्य रूपों के साथ संगत है।
वास्तुशिल्प परियोजनाओं का निर्माण और डिजाइन करते समय, W.E.T.E.R परियोजना टीम के विशेषज्ञों ने प्रसिद्ध वास्तुकार और इंजीनियर सैंटियागो कैलात्रावा वाल्स (Santiago Calatrava Valls) द्वारा निर्मित विभिन्न इमारती संरचनाओं और उनके रूपों का आंशिक इस्तेमाल किया है, जो जैव-तकनीक क्षेत्र – अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और प्राकृतिक रूप के संयोजन में एक मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ हैं। ग्राफिक में डिजाइन से जुड़े समाधानों के लिए हमारे विशेषज्ञों ने अतीत और वर्तमान के प्रसिद्ध वास्तुकारों के उदाहरणों, सुरुचिपूर्ण और अभिव्यंजक डिजाइनों का अनुसरण किया है। इन निर्णयों के सभी भागों ने सद्भाव, अनुग्रह, प्राकृतिक डिजाइन (इको-आर्किटेक्चर) और गीतवाद की आनुपातिकता को निर्धारित किया, जो विशेष रूप से मध्य पूर्व और इंडोचीन के देशों की वास्तुकला विशेषता है।
विद्युत उत्पादन करने वाली इमारतों के विभिन्न बाहरी स्वरूपों में नाना प्रकार के वास्तुशिल्प समाधानों को शामिल किया जा सकता है, आधुनिक शहरों के वास्तविक स्वरूप को नवीनीकृत किया जा सकता है और ऐतिहासिक वास्तुशिल्प समाधानों की निरंतरता का निर्माण किया जा सकता है। प्रस्तावित डिजाइन और वास्तुशिल्प स्वरूप निर्माण वास्तुकला के आधुनिक प्रवृत्तियों के अनुरूप हो सकते हैं, जो विकसित पवन ऊर्जा इमारतों की भविष्यगत संभावनाओं को तय करते हैं। पवन ऊर्जा परिसर के ग्राफिक रेखाचित्र इसके आधुनिक शहरों की वास्तुकला में फिट होने तथा विविधता के साथ एकरूप होने की इसकी संभावनाओं को प्रदर्शित करते हैं।
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