इस तरह से आसानी के साथ लोन चुकाया जा सकता है
बिजनेस लोन और पर्सनल लोन आपको अपनी जिंदगी का लक्ष्य पूरा करने में मदद करते हैं। चाहे बिजनेस का विस्तार करना हो, नई मशीनरी की खरीद करना हो, घर खरीदना हो, कार खरीदना हो, या किसी अन्य जगह से सामान की खरीदारी के लिए अपने क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करना हो, जरूरत के समय में यह आपका दोस्त बन सकता है। लेकिन अपने कर्ज को चुकाना आपका नैतिक और कानूनी दायित्व है।
वित्तीय स्वास्थ्य की दृष्टि से जल्दी से कर्ज से छुटकारा पाना भी जरूरी है ताकि आप बिना किसी चिंता के अपनी आमदनी का आनंद उठा सकें। लेकिन, जब लोन चुकान की बारी आती है तो, अधिकतर लोगों का बजट बिगड़ जाता है। लेकिन, आप चाहें तो लोन का समय से रिपेमेंट हो सकता है। अगर आपका भी सवाल है कि कर्ज कैसे चुकाए तो इस आर्टिकल में आपको आपके सवाल का जवाब मिल जायेगा। इस आर्टिकल में बताया जायेगा कि सही समय पर कर्ज चुकाने का सही तरीके क्या होते हैं।
EMI का भुगतान तय समय पर करें
कर्ज यानी लोन लेने के बाद लोन देने वाले बैंक या फाइनेंशियल कंपनी और लोन लेने वाले व्यक्ति के बीच एक करार होता है कि वह व्यक्ति कितने अमाउंट का लोन कितने समय के लिए ले रहा है और उस लोन को कितने महीने की EMI में चुकाएगा। EMI जमा करने की तारीख क्या होगी।
ऐसे में जब EMI जमा करने की तारीख निकलने लगती है तो लोन देने वाले बैंक या फाइनेंशियल कंपनी के तरफ से EMI जमा करने का दबाव बढ़ने लगता है। इससे मानसिक तौर से परेशानी होती है। इससे बचने के लिए बेहतर उपाय यही है कि लोन की EMI ठीक तय की गई तारीख पर या उससे पहले ही जमा कर देना चाहिए।
मंथली EMI चाहें जितनी भी हो उसके लिए एक अलग से बजट बनाना अनिवार्य होता है। जब आप महीने भर में EMI की बजट के लिए प्लानिंग करके बचत करेंगे तो EMI बाउंस होने का खतरा नही रहेगा।
एक से अधिक लोन है, तो ईएमआई की तारिख याद रखें
यह उनके लिए है जो एक ही समय में कई लोन ले लेते हैं। ऐसे में कभी – कभी यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि किस लोन की EMI कब कब जमा करना है और दूसरे लोन की EMI कब जमा करना है। इस कंफ्यूजन से बचने के लिए बेहतर ऑप्शन यह है कि अपने लोन की लिस्ट बना लिया जाये। इससे लोन तो याद तो रहेंगे ही साथ ही किस लोन की EMI कब जमा करना है, यह भी याद रहेगा।
लोन को कम करने की कोशिश करें
अगर किसी कारोबारी पर एक साथ बिजनेस लोन और कई पर्सनल लोन है तो इस स्थिति में उसको ठीक समय पर EMI भरने में दिक्कत हो सकती है। इस कंडीशन में बेहतर यही होगा कि सबसे पहले लोन की संख्या कम की जाये।
लोन की संख्या कम होने से EMI कम हो जाएगी और कर्जदार को मंथली EMI चुकाने में आसानी होगी। दूसरा विकल्प यह भी हो सकता है कि जब अधिक संख्या में लोन लेना बेहद ही जरूरी हो तो उस कंडीशन में आप दो लोन को एक ही में मर्ज कराने की कोशिश करें।
जरूरत से अधिक लोन न लें
यह सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आप कारोबारी है और आपको बिजनेस लोन की जरूरत है तो आप बिजनेस लोन लें जरुर लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि लोन की धनराशी उतनी ही हो जितने से आपका कार्य सकुशल हो जाये।
लोन लेकर अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने की आदत न बनाएं। लोन से व्यक्तिगत खर्च करना अपने आप को ही परेशानी में डालना होता है। जरूरत से अधिक लोन लेने से बचने की कोशिश करें।
सिबिल स्कोर ठीक रखें
कर्ज प्राप्त करने के लिए सिविल क्रेडिट स्कोर महत्वपूर्ण होता है। सिबिल क्रेडिट स्कोर की जाँच नियमित करते रहें। क्रेडिट स्कोर ठीक रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मंथली EMI की होती है इसलिए कोशिश करना चाहिए कि जो भी मंथली EMI तय हो उसे तय समय पर जमा करना सुनिश्चित हो सके। इस तरह आप कर्ज तय समय पर चुकाने में सक्षम बन सकेंगे